हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म बंद | अदानी को झकझोरने वाली फर्म ने काम खत्म किया

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने अपनी कंपनी बंद करने का फैसला किया है। उन्होंने X (पूर्व में Twitter) पर एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए इस बात की जानकारी दी। इसमें उन्होंने अपनी यात्रा, संघर्ष, और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखा।

X पर शेयर की पोस्ट…

नाथन एंडरसन ने अपने संदेश में लिखा, “पिछले साल के अंत में मैंने अपने परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ यह साझा किया था कि मैं हिंडनबर्ग रिसर्च बंद करने का फैसला कर चुका हूं। हमने जो उद्देश्य तय किए थे, उन्हें पूरा कर लिया है। इसलिए, हमने आज अपनी कंपनी बंद करने का निर्णय लिया है।”

एंडरसन हुए भावुक…

एंडरसन ने अपने शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए कहा, “शुरुआत में मुझे यह नहीं पता था कि मैं संतोषजनक रास्ता खोज पाऊंगा या नहीं। यह आसान निर्णय नहीं था, लेकिन मैंने जोखिम लिया और जल्दी ही इस काम में लग गया। शुरुआत में मुझे शक था कि मैं यह कर पाऊंगा या नहीं, क्योंकि मेरे पास पारंपरिक अनुभव नहीं था। न तो मेरे परिवार में कोई इस क्षेत्र में था और न ही मुझे सही मार्गदर्शन मिला।”

नाथन ने लिखा अपनी चुनौतियों के बारे में…

“मैंने जब इस काम की शुरुआत की, मेरे पास पैसे नहीं थे। शुरुआत में ही तीन बार मुझ पर केस हुआ, और मेरी बची हुई पूंजी भी खत्म हो गई। अगर मुझे वर्ल्ड-क्लास व्हिसलब्लोअर वकील ब्रायन वुड का सपोर्ट न मिला होता, तो मैं शुरुआती दौर में ही फेल हो गया होता।”

अदानी पर लगाए थे गंभीर आरोप…

2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत के उद्योगपति गौतम अदानी पर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें लिखा था, “दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अदानी इतिहास का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट फ्रॉड कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ाई हैं, जो उनकी वास्तविक वैल्यू से 85% अधिक हैं। अदानी के करीबी लोग विदेशों में शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं।”
इस रिपोर्ट के बाद अदानी के शेयरों में भारी गिरावट आई और वह टॉप 30 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए थे।

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म है, जिसकी स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। इसका नाम 1937 में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे से प्रेरित है। एंडरसन का मानना था कि यह एक ‘मानव निर्मित’ दुर्घटना थी, जिसे टाला जा सकता था। इसी सोच के साथ उन्होंने अपनी फर्म का नाम हिंडनबर्ग रखा, ताकि मानव निर्मित कॉर्पोरेट फ्रॉड और अनियमितताओं को उजागर किया जा सके।

नाथन एंडरसन की जर्नी

नाथन ने अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एक डेटा रिसर्च कंपनी में काम किया, जहां उन्होंने स्टॉक मार्केट की बारीकियां सीखीं। यह समझने के बाद कि शेयर बाजार में कई गतिविधियां आम लोगों की समझ से बाहर होती हैं, उन्होंने अपनी रिसर्च कंपनी शुरू करने का फैसला किया।

क्या करता है हिंडनबर्ग रिसर्च?

हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म स्टॉक मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर शोध करती है। यह फर्म यह पता लगाने का काम करती है कि:

  • क्या शेयर बाजार में पैसों का दुरुपयोग हो रहा है?
  • क्या बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए खातों में हेरफेर कर रही हैं?
  • क्या कंपनियां शेयर बाजार में सट्टेबाजी कर रही हैं?

सभी तथ्यों और आंकड़ों की गहन जांच के बाद हिंडनबर्ग एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करता है।

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