स्टर्लिंग हॉस्पिटल्स ‘राइज़ अगेन’ अभियान के तहत कैंसर रोगियों का सम्मान करेगा
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में तेजी से वृद्धि हो रही है और एक चौंकाने वाले निष्कर्ष के अनुसार, तंबाकू सेवन की आदत के कारण गुजरात ‘ओरल कैंसर’ (मुंह के कैंसर) में दुनिया की ‘राजधानी’ बन गया है। गुजरात में पाए जाने वाले कैंसर रोगियों में से लगभग 70 प्रतिशत मरीज ओरल कैंसर के हैं, ऐसा अनुमान ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टरों द्वारा लगाया गया है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा कि “गुजरात कैंसर को नियंत्रित करने में अग्रणी है और विभिन्न प्रकार के कैंसर के मामले अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन दुर्भाग्य से गुजरात के लोगों में तंबाकू से बनी विभिन्न उत्पादों जैसे सिगरेट, गुटखा, मसाला, तंबाकू की लत ज्यादा पाई जाती है। इसी कारण गुजरात में ‘स्वयं अर्जित’ कैंसर ज्यादा है। मतलब, गुजरात के लोग खुद कैंसर को आमंत्रित कर रहे हैं। अगर नागरिक तंबाकू की लत छोड़ दें, तो ओरल कैंसर में बड़ा कमी आ सकती है और गुजरात में कैंसर के मरीजों की संख्या घट सकती है।”
डॉक्टरों ने कहा, “गुजरात में कैंसर के मरीज ज्यादा हैं, लेकिन सौभाग्य से यह कैंसर रोगियों वाले शीर्ष 10 राज्यों में शामिल नहीं है।” वहीं, कैंसर के कारण होने वाली मौतों की दर में भी उल्लेखनीय कमी आई है। पहले मृत्यु दर 60 प्रतिशत थी, जो अब 40 प्रतिशत हो गई है, ऐसा डॉक्टरों ने बताया।
स्टर्लिंग हॉस्पिटल्स ‘राइज़ अगेन’ अभियान के तहत कैंसर रोगियों का सम्मान करेगा
स्टर्लिंग हॉस्पिटल ने ‘राइज़ अगेन’ कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें वे कैंसर रोगियों की साहसिकता का सम्मान करेंगे और कैंसर के व्यापक उपचार के बारे में जानकारी भी बढ़ाई जाएगी। इस कार्यक्रम में स्टर्लिंग हॉस्पिटल के प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट आध्यात्मिक मार्गदर्शन और जागरूकता के महत्व को समझाएंगे, जो मानते हैं कि आध्यात्मिक मार्गदर्शन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मरीजों की मानसिक शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हॉस्पिटल्स के एमडी और सीईओ डॉ. सिमरदीप एस गिल ने कहा, “राइज़ अगेन अभियान के साथ हमने उन मरीजों को सम्मानित किया है, जो ‘फिर से स्वस्थ होने का जोश’ रखते हैं, और उन्हें एक बेहतरीन जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया है। मुझे विश्वास है कि यह पहल कैंसर से लड़ रहे अन्य मरीजों के लिए समाज में सकारात्मक संदेश फैलाएगी।”
स्टर्लिंग हॉस्पिटल्स के डायरेक्टर-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नितिन सिंघल ने कहा, “स्टर्लिंग में हम HIPEC और रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर जोर देते हैं, साथ ही कैंसर के खिलाफ लंबी लड़ाई में अपने मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देते हैं। अब तक हमने 3,000 से अधिक सर्जरी की हैं और हमें ‘कभी हार न मानने’ का रवैया रखने वाले लगभग 150 मरीजों और उनके परिवारों को सम्मानित करने पर गर्व है।”