Fake Australian Dollar Case: अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलियाई नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ी गई है। वटवा GIDC क्षेत्र में स्थित इस फैक्ट्री में नकली ऑस्ट्रेलियन डॉलर छापे जा रहे थे। आरोपी इन नोटों को बाजार में चलाने की योजना बना रहे थे, लेकिन इससे पहले ही SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा। इस दौरान पूरे रैकेट का खुलासा हुआ।

SOG ने फैक्ट्री से नकली नोट, एडवांस्ड प्रिंटिंग मशीन और लगभग 11.92 लाख रुपये का कच्चा माल जब्त किया। चार आरोपियों – रोनक उर्फ मीत राठौड़ (24), खुश पटेल (24), मौलिक पटेल (36), और ध्रुव देसाई (20) को गिरफ्तार किया गया। इनमें से मुख्य आरोपी मौलिक पटेल ऑस्ट्रेलिया का नागरिक है।

कैसे चला रैकेट?

एक व्यक्ति ने नकली ऑस्ट्रेलियन डॉलर की पेशकश की थी, जिससे शक होने पर SOG को जानकारी दी गई। जांच के दौरान रोनक राठौड़ से 50 नकली ऑस्ट्रेलियन डॉलर मिले। पूछताछ में उसने बताया कि यह नोट उसे खुश पटेल ने दिए थे।

खुश पटेल की जानकारी के आधार पर SOG ने गांधीनगर में मौलिक पटेल के गोडाउन पर छापा मारा। वहां से नकली नोट छापने का पूरा सेटअप बरामद हुआ। मौलिक ने ध्रुव देसाई के साथ मिलकर नोट छापे और उन्हें बाजार में चलाने के लिए खुश और रोनक जैसे लोगों को दिया।

क्यों बनाई नकली नोट छापने की योजना?

पूछताछ में पता चला कि मौलिक को व्यापार में हुए नुकसान की वजह से कर्ज चुकाना था। जल्दी पैसा कमाने के लालच में उसने यह योजना बनाई। उसने ऑस्ट्रेलिया से लौटकर गांधीनगर में प्रिंटिंग मशीन खरीदी और इंटरनेट से ऑस्ट्रेलियन डॉलर की इमेज डाउनलोड कर नोट छापने शुरू कर दिए।

SOG अब यह जांच कर रही है कि नकली नोट कहां-कहां चलाए गए हैं और रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।