झूठी लीड और नई फुटेज के बाद भी सैफ अली खान पर हमले का आरोपी फरार

पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध का पता लगाने के लिए वे अपने इन्फॉर्मर्स और हिस्ट्री-शीटर्स के नेटवर्क का सहारा ले रहे हैं। साथ ही, सीसीटीवी में कैद संदिग्ध के विवरण से मेल खाने वाले हिस्ट्री-शीटर्स की अपनी डेटाबेस को भी खंगाल रहे हैं।

मुंबई के बांद्रा (पश्चिम) स्थित सैफ अली खान के घर में हुए हमले के 40 घंटे बाद भी संदिग्ध पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस का मानना है कि वह एक “पक्का अपराधी” हो सकता है, क्योंकि उसने घटना स्थल छोड़ने के बाद अपने कपड़े बदल लिए थे ताकि जांचकर्ताओं को गुमराह किया जा सके।

संदिग्ध की तलाश में व्यापक अभियान
शुक्रवार को संदिग्ध की तलाश के लिए स्थानीय पुलिस, क्राइम ब्रांच और क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट की करीब दो दर्जन टीमें काम कर रही थीं। सुबह पुलिस ने एक “संदिग्ध” को हिरासत में लिया और पूछताछ की, लेकिन पांच घंटे बाद उसे छोड़ दिया गया क्योंकि उसके इस केस से कोई संबंध नहीं पाया गया।

सीसीटीवी फुटेज में कैद संदिग्ध से मिलता-जुलता दिखने और छोटे अपराधों का इतिहास होने की वजह से उसे हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने सैफ के बिल्डिंग में काम करने वाले एक बढ़ई और अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की।

शाम तक पुलिस ने एक और सीसीटीवी फुटेज बरामद की, जिसमें संदिग्ध को बिल्डिंग से निकलने के बाद कपड़े बदलते हुए देखा गया। पहले फुटेज में वह ब्लैक टी-शर्ट में था, जबकि दूसरे में लाइट ब्लू शर्ट में।

आरोपी की चालाकी
संदिग्ध ने कैमरों को चकमा देने के लिए अपने चेहरे को लाल स्कार्फ और कैप से ढका था। पुलिस का कहना है कि उसकी पहचान के लिए फोटो पूरे 40,000 पुलिस बल और रिटायर्ड अफसरों के साथ साझा की गई है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली।

हमले की प्रारंभिक जांच
शुरुआती जांच में यह पता चला है कि संदिग्ध ने बिल्डिंग के पिछले गेट से अंदर घुसने के बाद सीसीटीवी से बचते हुए फायर एग्जिट सीढ़ियों का इस्तेमाल किया। वह रात 1:38 बजे नंगे पांव कैमरे में कैद हुआ था।

इसके बाद उसने दो फुट चौड़े शाफ्ट का इस्तेमाल करके सैफ के छोटे बच्चे के बाथरूम के जरिए 11वीं मंजिल पर घर में प्रवेश किया। अंदर घुसने के बाद परिवार के साथ संघर्ष हुआ, लेकिन सैफ और परिवार ने उसे बच्चे के कमरे में धकेलकर कमरे को बाहर से बंद कर दिया।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने शौचालय की खिड़की का उपयोग करके उसी शाफ्ट से भागने की संभावना है।

सुरक्षा की कमी
बांद्रा की हाई-प्रोफाइल बिल्डिंग में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर पाई गई। बिल्डिंग में मुख्य गेट पर केवल दो और पिछले गेट पर एक गार्ड था। सीसीटीवी कवरेज भी पर्याप्त नहीं था। स्थानीय विक्रेताओं ने बताया कि गार्ड्स अक्सर बिना वेरिफिकेशन के ही लोगों को बिल्डिंग में प्रवेश करने देते थे।

अब पुलिस इस मामले में हिस्ट्री-शीटर्स और ड्रग्स मामलों में शामिल लोगों से पूछताछ कर रही है। साथ ही संदिग्ध की पहचान के लिए ऑटो और टैक्सी यूनियनों के साथ उसकी तस्वीर साझा की गई है।

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