भारत में ज़मीन से संबंधित कानून तय किए गए हैं कि कौन कितनी ज़मीन रख सकता है। अलग-अलग राज्यों में इस विषय पर अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा, भारत में सरकार के लिए ज़मीन अधिग्रहण के बारे में भी नियम बनाए गए हैं। भारत में ज़मीन अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत, सरकार किसी भी आवश्यक काम के लिए किसी की ज़मीन ले सकती है। हालांकि इसके लिए सरकार को ज़मीन के मालिक को उचित मुआवज़ा देना पड़ता है। लेकिन कई बार लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या भारत सरकार अपनी ज़मीन किसी दूसरे देश को बेच सकती है? और अगर हां, तो इसके क्या नियम होंगे?
क्या सरकार अपनी ज़मीन बेच सकती है?
क्या भारत सरकार अपनी ज़मीन दूसरे देश को दे सकती है? तो हम आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। भारत सरकार किसी भी मंत्रालय की ज़मीन या किसी भी प्रकार की ज़मीन दूसरे देश को नहीं बेच सकती है। भारत के संविधान के अनुसार, देश की ज़मीन, पानी और अन्य सभी प्राकृतिक संसाधन देश की संपत्ति हैं। उनका उपयोग केवल लोककल्याण और देश के विकास के लिए ही किया जा सकता है। अगर सरकार चाहें, तो अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए ज़मीन को लीज़ पर दे सकती है, लेकिन बेचा नहीं जा सकता।
ज़मीन को लीज़ पर दिया जा सकता है
भारत सरकार किसी भी दूसरे देश को ज़मीन बेच नहीं सकती। लेकिन वे ज़मीन को लीज़ पर दे सकती हैं। जैसे भारत सरकार अन्य देशों को दूतावास के लिए ज़मीन देती है। इसके अलावा, सरकार अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत किसी भी देश को लीज़ पर ज़मीन दे सकती है। साथ ही देश के विकास कार्यों के लिए भी सरकारी ज़मीन को लीज़ पर दिया जा सकता है। ये सभी प्रक्रियाएँ देश के कानून के तहत पूरी होती हैं। ऐसी स्थिति में ज़मीन को कुछ समय के लिए ही लीज़ पर दिया जाता है।