एजेंसी, मुंबई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि देश की सबसे बड़ी और सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 500 और शाखाएँ खोलेगी। इसके साथ ही इसकी कुल शाखाओं की संख्या 23,000 हो जाएगी। मुंबई में एसबीआई की मुख्य शाखा के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि 1921 में तीन प्रेसीडेंसी बैंकों का विलय कर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया (IBI) की स्थापना की गई थी। स्वतंत्रता के बाद 1955 में सरकार ने संसद में प्रस्ताव पारित कर आईबीआई का नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) रखा। 1921 में इसकी 250 शाखाएँ थीं, जो आज बढ़कर 22,500 हो गई हैं। अब इस वर्ष इसमें 500 और शाखाओं का इजाफा होगा और कुल संख्या 23,000 हो जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि एसबीआई की वृद्धि एक वैश्विक रिकॉर्ड है। विशेष रूप से जब भारत में आय असमानता की बात होती है, तो यह रिकॉर्ड और भी उल्लेखनीय हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में कुल डिपॉजिट्स (जमा) का 22.4% हिस्सा एसबीआई के पास है। कुल ऋणों में से 20% ऋण एसबीआई का है और देश में 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों को यह सेवा प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि एसबीआई का डिजिटल निवेश मजबूत है और यह प्रतिदिन 20 करोड़ यूपीआई लेन-देन संभाल सकता है।
वित्त मंत्री ने एसबीआई की मुंबई की मुख्य शाखा के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ₹100 का सिक्का जारी किया और कहा कि एसबीआई की 43 शाखाएँ ऐसी हैं, जो 100 वर्षों से भी अधिक समय से सक्रिय हैं।