इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की कवायद, फिर तनाव बढ़ने के संकेत
भारत और चीन के रिश्तों में सुधार की उम्मीद के बीच, चीन की एक नई रणनीति सामने आई है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने उच्च ऊंचाई वाले इलाकों और कठोर जलवायु वाली सीमावर्ती चौकियों (outposts) तक बिजली सप्लाई बढ़ा दी है। PLA Daily की रिपोर्ट के मुताबिक, झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में सीमा पर स्थित चौकियों को राष्ट्रीय बिजली ग्रिड से जोड़ा गया है। चीन ने यह कदम इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए उठाया है।
PLA का दावा:
🔹 बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा की सप्लाई से सैनिकों को सर्दी में राहत मिलेगी।
🔹 ऊंचाई वाले इलाकों में सैनिकों के लिए पीने का पानी, हीटिंग, स्नान और ऑक्सीजन जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
🔹 चीन की सेना लंबे समय से सीमावर्ती इलाकों में बिजली नेटवर्क को बेहतर बनाने में जुटी है।
रणनीतिक मकसद क्या है?
चीन ने 2016 में बिजली ग्रिड परियोजना शुरू की थी, जिसमें सेना को राष्ट्रीय ऊर्जा नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। 2023 तक चीन 700 आउटपोस्ट्स को नेशनल ग्रिड से जोड़ चुका था।
भारत के लिए चिंता क्यों?
🚨 3700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जेदुल्ला, जो अक्साई चीन के पास है, लंबे समय से भारत-चीन विवाद का केंद्र रहा है।
🚨 चीन का यह कदम सीमावर्ती इलाकों में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत करने का इशारा करता है।
🚨 भारत और चीन के बीच पहले ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, और यह नया कदम तनाव को और बढ़ा सकता है।
अब देखना होगा कि भारत इस पर क्या रणनीति अपनाता है।