बजट 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को पेश किए गए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी थी। उस समय सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था। यह राहत सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में दी थी।
हालांकि, नौकरीपेशा वर्ग लंबे समय से पुरानी टैक्स व्यवस्था में राहत की मांग कर रहा है। वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025 के बजट की तैयारी प्रक्रिया शुरू कर दी है। हाल ही में वित्त मंत्री ने बजट तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
बजट में मिडिल क्लास के लिए क्या होगा खास?
वित्तीय वर्ष 2025 का बजट इस बार 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आठवां बजट होगा। इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए क्या खास होगा, इस पर चर्चाएं चल रही हैं। सूत्रों के अनुसार, आगामी बजट में सरकार फिर से मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दे सकती है। आपको बता दें कि मध्यम वर्ग में सबसे ज्यादा संख्या ऐसे नौकरीपेशा लोगों की है जो आयकर का भुगतान करते हैं।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने पर हो रहा है विचार
खबरों के मुताबिक, इस बार नौकरीपेशा वर्ग को राहत देने के लिए वित्त मंत्रालय नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में नई टैक्स व्यवस्था के तहत नौकरीपेशा वर्ग को 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है। इसके अलावा, सालाना 7 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को नई टैक्स व्यवस्था के तहत कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
पुरानी व्यवस्था में नहीं मिलेगी राहत
सूत्रों का कहना है कि 1 फरवरी 2025 को पेश किए जाने वाले बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जा सकती है। हालांकि, यह राहत केवल नई टैक्स व्यवस्था के तहत ही दी जाएगी। सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव करने के मूड में नहीं है।
नई व्यवस्था को बढ़ावा देने की तैयारी
सरकार लगातार नई टैक्स व्यवस्था का प्रचार कर रही है और पुरानी टैक्स व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में काम कर रही है। वित्त मंत्रालय ने पहले भी इस दिशा में संकेत दिए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में दाखिल 8 करोड़ आयकर रिटर्न में से 5 से 10 लाख रुपये की सालाना आय वाले रिटर्न की संख्या 2.79 करोड़ थी। इसके अलावा, 10-20 लाख रुपये की आय वाले 89 लाख रिटर्न दाखिल हुए। अगर सरकार आयकर में राहत देती है, तो इसका लाभ करीब तीन करोड़ करदाताओं को मिल सकता है।