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OctaFX Trading Scam: फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म OctaFX पिछले कुछ वर्षों में भारत में एक जाना-पहचाना नाम बन गया था। IPL टीमों को स्पॉन्सर करने से लेकर सोशल मीडिया और विज्ञापनों में इसकी लगातार उपस्थिति देखी गई। भरोसेमंद दिखने वाला OctaFX वास्तव में एक पोंज़ी स्कीम थी, जिसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों के पैसे ठगना था। जांच एजेंसी ED ने हाल ही में OctaFX India, इसकी विदेशी ऑपरेटिंग कंपनी OctaMarkets, इसके संस्थापक पावेल प्रोज़ोरोव, OctaFX की भारतीय गतिविधियों की प्रभारी अन्ना रुडैया और अन्य 9 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर इस पूरे गैंग का पर्दाफाश किया।
ED की छापेमारी का कारण
OctaFX ने इन्वेस्टर को 5 महीनों में पैसे डबल और 8 महीनों में तीन गुना करने का लालच दिया। इस स्कीम में करोड़ों की राशि इन्वेस्टर ने गंवाई। 2021 में OctaFX के 2-3 एजेंट्स और ब्रोकरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, जिसके आधार पर ED ने जांच शुरू की।
फिल्म स्टार्स और सोशल मीडिया का सहारा
OctaFX ने अपनी धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए हिंदी फिल्मों और टीवी के प्रमुख कलाकारों से विज्ञापन करवाए। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का भी जमकर उपयोग किया गया। IPL टीम को स्पॉन्सर कर OctaFX ने अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने में सफलता हासिल की।
धोखाधड़ी की प्रक्रिया
यह फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए रेफरल-बेस्ड प्रोत्साहन मॉडल का उपयोग करता था। फंड को UPI या स्थानीय बैंक ट्रांसफर के माध्यम से इकट्ठा किया जाता था। इन्वेस्टर को फर्जी बैंक अकाउंट्स दिखाकर फंड एकत्र किया जाता और फिर इसे अलग-अलग बनावटी संस्थाओं के बैंक खातों में जमा किया जाता।
पैसे विदेश भेजने का तरीका
इकट्ठे किए गए पैसे को ई-वॉलेट्स और फर्जी संस्थाओं के खातों में ट्रांसफर किया गया। फिनटेक कंपनियों के कर्मचारियों का इस्तेमाल फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से जुड़े नकली अकाउंट बनाने के लिए किया गया। इन फंड्स को लीगल ट्रांजेक्शन दिखाने के लिए नकली आयात और शिपिंग सेवाओं के नाम पर विदेश भेजा गया।
डमी डायरेक्टर्स के सहारे मनी लॉन्ड्रिंग
OctaFX India का संचालन कई फर्जी अकाउंट्स से किया जा रहा था। ये अकाउंट्स कुछ ऐसी संस्थाओं के थे, जिनके डायरेक्टर्स भारतीय थे। जरूरत पड़ने पर KYC चेक के लिए OctaFX के एग्जीक्यूटिव्स भारतीय डायरेक्टर्स को प्रशिक्षित करते थे।
बिचौलियों को दिया बड़ा इनाम
इन्वेस्टर को फंसाने में मदद करने वाले एजेंट्स और बिचौलियों को OctaFX ने फाइव-स्टार होटल्स में इवेंट्स आयोजित कर इनाम दिया। उन्हें लक्जरी कार, बाइक्स, सोने के सिक्के और सोने की ईंटें गिफ्ट में दी गईं।
800 करोड़ का घोटाला
जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 के बीच, केवल 9 महीनों में OctaFX ने भारतीय इन्वेस्टर से 800 करोड़ रुपये ठग लिए।
रूसी कनेक्शन
‘OctaFX India Private Limited’ के पीछे का मास्टरमाइंड रूसी नागरिक पावेल प्रोज़ोरोव है। उसने मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम देने के लिए ‘लेयरिंग’ और ‘प्लेसमेंट’ जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया।
कंपनी का बयान
OctaFX के प्रवक्ता ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “2011 से हमने वित्तीय उद्योग में एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई है। हमारी सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता की गवाही विश्वभर के हजारों संतुष्ट ग्राहक देते हैं।”
नोट: इन्वेस्ट करने से पहले सभी संभावित जोखिमों को समझना और विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।