डोनाल्ड ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, उनके कैबिनेट का गठन शुरू हुआ। फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रूबियो को सीक्रेटरी ऑफ स्टेट के रूप में पहली पुष्टि मिली। मंगलवार को शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद, रूबियो ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ की।
यह बैठक खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि आमतौर पर कोई भी नई अमेरिकी प्रशासन अपने पड़ोसी देशों (कनाडा या मैक्सिको) या नाटो सहयोगियों के साथ बैठकों की शुरुआत करता है। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अपनी प्राथमिकता के रूप में भारत को चुना।
रूबियो और जयशंकर की बैठक
शपथ लेने के एक घंटे बाद, मार्को रूबियो ने एस जयशंकर के साथ भारत-अमेरिका साझेदारी पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, ऊर्जा, और उभरती टेक्नोलॉजी जैसे कई अहम मुद्दों पर बातचीत की।
रूबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करना और अवैध प्रवास (illegal migration) के मुद्दों पर काम करना चाहता है। इस बैठक के बाद, एस जयशंकर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“@SecRubio से मिलकर खुशी हुई। उनके सचिव पद संभालने के बाद यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी। हमने अपने व्यापक द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।”

क्वाड की बैठक
जयशंकर के साथ बैठक के बाद, मार्को रूबियो ने क्वाड (Quad) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की। क्वाड में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। बैठक में चारों देशों ने फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
क्वाड के संयुक्त बयान में कहा गया:
“हम किसी भी ऐसे एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं जो बल या दबाव के जरिए यथास्थिति को बदलने की कोशिश करता है।”
एस जयशंकर ने X पर लिखा:
“ट्रंप प्रशासन के शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद क्वाड बैठक का होना इसकी प्राथमिकता को दर्शाता है।”
क्वाड का महत्व
क्वाड का गठन चीन की बढ़ती आक्रामकता, विशेष रूप से साउथ चाइना सी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसके दबदबे को रोकने के लिए किया गया है। इस बैठक ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को फिर से रेखांकित किया।