नेशनल मैथ्स डे : भारत में जरूरी कौशल सिखाने के तरीके पर नया नजरिया

गणित (Mathematics) आलोचनात्मक सोच (Analytical Thinking) और समस्या समाधान (Problem-Solving) की नींव है, जो आधुनिक दुनिया के लिए जरूरी जीवन कौशल (Life Skills) को आकार देता है। नेशनल मैथ्स डे (National Mathematics Day) पर, यह समय है कि मैथ्स एजुकेशन को फिर से सोचें, ताकि यह सभी छात्रों के लिए ज्यादा आकर्षक, सुलभ और प्रभावी बनाया जा सके।

पसंद हो या नापसंद, लेकिन हम गणित (Mathematics) को नजरअंदाज नहीं कर सकते, जिसे ‘क्वीन ऑफ साइंसेज’ (Queen of Sciences) कहा जाता है। गणित हमारे चारों ओर है – यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा है। बजट बनाना (Budgeting), खाना पकाना (Cooking), खरीदारी (Shopping), या समय प्रबंधन (Time Management) जैसे कामों पर विचार करें: ये सभी गतिविधियां जोड़-घटाव जैसे बुनियादी गणित पर निर्भर करती हैं। या फिर GPS सिस्टम पर विचार करें, जो कैलकुलस (Calculus) के सिद्धांतों का उपयोग करके काम करता है!

इस नेशनल मैथ्स डे पर, सुमीत मेहता, जो LEAD Group (भारत की सबसे बड़ी स्कूल एडटेक कंपनी) के सह-संस्थापक और सीईओ हैं, ने साझा किया कि कैसे टेक्नोलॉजी (Technology) गणित की शिक्षा को भारत के भविष्य के लिए बदल सकती है।

यह दिन हमें यह याद दिलाने का सही अवसर है कि क्यों गणित (Maths) स्कूल पाठ्यक्रम के लिए इतना बुनियादी है। गणित में एक मजबूत नींव आवश्यक न्यूमेरसी (Numeracy), विश्लेषणात्मक कौशल (Analytical Skills), और समस्या-समाधान क्षमताओं (Problem-Solving Abilities) का निर्माण करती है – जो जीवन और कार्य के लिए बहुत जरूरी हैं। हालांकि, कई छात्रों को गणित कठिन लगता है क्योंकि यह रटने के बजाय गहरे विचारशील समझ (Conceptual Understanding) पर जोर देने वाले प्रभावी शिक्षण तरीकों की कमी के कारण है।

कैसे गणित की शिक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है?

  1. CPA (कंक्रीट-पिक्टोरियल-एब्स्ट्रैक्ट) अप्रोच: यह मैथ्स सिखाने और सीखने का एक बेहतरीन तरीका है। इसमें छात्र तीन चरणों में सीखते हैं: वस्तुओं के साथ अभ्यास करके, चित्रों और आरेखों का उपयोग करके, और अंततः प्रतीकों, नंबरों, और सूत्रों का उपयोग करके।
  2. गणितीय अवधारणाओं का विज़ुअलाइजेशन: पारंपरिक 2D टेक्स्टबुक जटिल अवधारणाओं को समझने की क्षमता सीमित कर देती हैं। एआई-सक्षम टेक्नोलॉजी (AI-Enabled Technology) जैसे ARI (Augmented Reality Instructor) छात्रों को 3D मॉडल्स और इंटरैक्टिव विज़ुअल्स के माध्यम से अवधारणाओं को विज़ुअलाइज करने में मदद करता है।
  3. एडाप्टिव प्रैक्टिस इन मैथ्स: प्रैक्टिस मैथ्स में महारत हासिल करने की कुंजी है। AI-सक्षम पर्सनल इंटरएक्टिव एक्सरसाइज (PIE) छात्रों को उनकी गति से गणित सीखने, समस्याओं पर काम करने और सुझाव प्राप्त करने में मदद करता है।

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