Rupee All Time Low: शेयर बाजार के साथ-साथ रुपये में भी मंदी का जोर बढ़ रहा है। आज रुपया फिर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे गिरकर 86.41 के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है। डॉलर इंडेक्स और यूएस ट्रेजरी यील्ड में मजबूती के कारण रुपया लगातार नया निचला स्तर दर्ज कर रहा है।
डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड लो
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे टूटकर 86.41 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज 86.12 के स्तर पर खुला, लेकिन गिरकर 86.41 हो गया। शुक्रवार को यह 86.04 पर बंद हुआ था। वहीं, ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.44% बढ़कर 80.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जिसने रुपये पर महंगाई का दबाव और बढ़ा दिया है।
आम नागरिकों पर असर
- महंगाई बढ़ेगी: रुपये की कमजोरी का सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा।
- पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ सकते हैं।
- आयातित वस्तुएं जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो पार्ट्स महंगे हो सकते हैं।
- विदेशी शिक्षा पर असर: विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों पर खर्च बढ़ेगा।
- ट्रैवल महंगा होगा: अंतरराष्ट्रीय यात्रा के खर्चे बढ़ सकते हैं।
निर्यातकों को फायदा
रुपये की कमजोरी से Textile, Pharma, IT और कृषि क्षेत्र के निर्यातकों को लाभ होगा। डॉलर की मजबूती सेवा निर्यात की कमाई को भी बढ़ा सकती है।
रुपये में गिरावट के कारण
- डॉलर इंडेक्स: 0.22% की बढ़त के साथ 109.72 के दो साल के उच्चतम स्तर पर।
- यूएस ट्रेजरी यील्ड: 4.76% पर बढ़ी।
- क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि: महंगाई का दबाव बढ़ा।
- विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली।
- भारत की GDP ग्रोथ के धीमी रहने के अनुमान।