SEBI का सख्त कदम: यूट्यूब-टेलीग्राम पर स्टॉक टिप्स का खेल खत्म, लाइव मार्केट डेटा पर रोक

शेयर बाजार में बिना रजिस्ट्रेशन इन्वेस्टमेंट की सलाह देने वाले फिनफ्लुएंसर्स (Finfluencers) के लिए अब मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नया सर्कुलर जारी कर यह साफ कर दिया है कि अब इन्वेस्टमेंट से जुड़ी शिक्षा देने वालों को लाइव मार्केट डेटा का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। इसके बजाय, उन्हें कम से कम तीन महीने पुराने स्टॉक प्राइस का उपयोग करना होगा।

SEBI का नया नियम: अब लाइव डेटा नहीं मिलेगा

SEBI के इस नए आदेश के बाद फिनफ्लुएंसर्स अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, टेलीग्राम, और इंस्टाग्राम पर लाइव स्टॉक टिप्स नहीं दे पाएंगे। पहले, कई लोग इन प्लेटफॉर्म्स पर इन्वेस्टमेंट से जुड़े टिप्स और रणनीतियां बताकर दर्शकों को लुभाते थे, लेकिन अब उन्हें सिर्फ पुरानी जानकारियों पर आधारित शिक्षा देनी होगी।

इन्वेस्टर्स को गलत जानकारी देने वालों पर शिकंजा

बीते कुछ वर्षों में कई ऐसे फिनफ्लुएंसर्स सामने आए हैं, जो बिना किसी आधिकारिक मान्यता के इन्वेस्टर्स को स्टॉक्स खरीदने और बेचने की सलाह देते थे। कई मामलों में, लोगों को गलत जानकारी देकर नुकसान भी पहुंचाया गया। SEBI के इस फैसले के बाद अब कोई भी बिना रजिस्ट्रेशन के इन्वेस्टमेंट से जुड़ी कोई सलाह नहीं दे सकेगा।

इन्वेस्टमेंट शिक्षा रहेगी जारी, लेकिन शर्तों के साथ

SEBI ने यह स्पष्ट किया है कि इन्वेस्टमेंट शिक्षा को रोका नहीं गया है। जो लोग इन्वेस्टर्स को बाजार के कामकाज और ट्रेडिंग की मूल बातें सिखाना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि वे किसी भी स्टॉक का लाइव डेटा न दिखाएं और भविष्य की कीमतों से जुड़े अनुमान न लगाएं।

फिनफ्लुएंसर्स के लिए बड़ा झटका

इस सर्कुलर के बाद, उन कंटेंट क्रिएटर्स को सबसे ज्यादा झटका लगेगा जो शेयर बाजार की जानकारी देकर अपनी कमाई कर रहे थे। अब वे अपने चैनलों पर सीधे स्टॉक टिप्स नहीं दे सकेंगे और न ही किसी विशेष शेयर के प्रदर्शन को लेकर कोई दावा कर पाएंगे।

SEBI का मकसद: इन्वेस्टर्स को सुरक्षित रखना

SEBI के इस कदम का उद्देश्य इन्वेस्टर्स को गलत जानकारी से बचाना और शेयर बाजार में ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना है। पिछले कुछ वर्षों में स्टॉक मार्केट से जुड़े कई घोटाले सामने आए हैं, जिनमें बिना रजिस्ट्रेशन वाले लोग इन्वेस्टर्स को गुमराह कर रहे थे। इस नए सर्कुलर से उन पर लगाम लगने की उम्मीद है।

नए नियमों के तहत मुख्य प्रतिबंध:

✅ लाइव मार्केट डेटा का इस्तेमाल नहीं होगा
✅ सिर्फ तीन महीने पुराने स्टॉक डेटा का उपयोग किया जा सकेगा
✅ बिना रजिस्ट्रेशन के कोई इन्वेस्टमेंट सलाह नहीं दी जा सकेगी
✅ किसी स्टॉक के नाम, कोड, स्क्रीन शेयर या टिकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा
✅ रजिस्टर्ड संस्थाएं अब फिनफ्लुएंसर्स से किसी भी प्रकार की साझेदारी नहीं कर सकेंगी

SEBI का यह फैसला उन इन्वेस्टर्स के लिए एक राहत की खबर है, जो सोशल मीडिया पर मिलने वाली स्टॉक टिप्स के आधार पर फैसले लेते थे। अब इन्वेस्टर्स को अधिक सतर्क रहना होगा और किसी भी इन्वेस्टमेंट सलाह से पहले प्रमाणित स्रोतों से जानकारी लेनी होगी। वहीं, फिनफ्लुएंसर्स के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि अब उन्हें नए नियमों के तहत कंटेंट बनाना होगा।

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