भारतीय शेयर बाजार में आज तेज़ी का रुख देखने को मिल रहा है। शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स और निफ्टी मजबूती के साथ कारोबार कर रहे हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने बेंचमार्क इंडेक्स को भी पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को यथावत रखने और भविष्य में कटौती को लेकर कोई स्पष्ट संकेत न देने के बावजूद घरेलू बाजार में सकारात्मक रुझान देखा जा रहा है। अब निवेशकों की निगाहें पूरी तरह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2025 पर टिकी हैं।
बजट से पहले बाजार में सतर्कता, लेकिन निवेशकों को उम्मीदें बरकरार
आज भारतीय शेयर बाजार में जनवरी वायदा और विकल्प (F&O) एक्सपायरी का भी दिन है, जो आमतौर पर एक अस्थिर कारोबारी सत्र लेकर आता है। इसके चलते इंडिया VIX लगातार पांचवें दिन बढ़त के साथ 19 के पार पहुंच गया है, जो करीब एक महीने का उच्चतम स्तर है।
फिसडम के हेड ऑफ रिसर्च निरव करकड़ा के अनुसार,
“आज बाजार में हल्की बढ़त के साथ स्थिरता बनी रह सकती है। उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, लेकिन कुल मिलाकर बाज़ार में ऊपर जाने की प्रवृत्ति बनी हुई है। गिरावट की आशंका सीमित है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बजट में उपभोग और निवेश को बढ़ावा देने की उम्मीदें हैं, लेकिन यदि यह राजकोषीय घाटे को बढ़ाने की कीमत पर आता है, तो बाजार में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।
सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल, विदेशी निवेशक अभी भी सतर्क
📈 सुबह 10:12 बजे:
- सेंसेक्स 300 अंकों की बढ़त के साथ 76,832 पर
- निफ्टी 120 अंकों की बढ़त के साथ 23,283 पर
लगभग 2,454 शेयरों में खरीदारी, जबकि 680 शेयरों में गिरावट और 127 शेयर स्थिर रहे।
हालांकि, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का रुख अब भी नकारात्मक बना हुआ है। जनवरी महीने में अब तक 81,600 करोड़ रुपये की बिकवाली हो चुकी है, जो अब तक के सबसे बड़े मासिक आउटफ्लो में से एक है।
निफ्टी-सेंसेक्स में अब भी जनवरी में 2% की गिरावट
हालांकि, आज बाजार में मजबूती दिख रही है, लेकिन निफ्टी 50 और सेंसेक्स इस महीने अब तक करीब 2% तक टूट चुके हैं। यह 23 सालों में पहली बार है जब भारतीय बाजार इतने लंबे समय तक लगातार गिरावट का सामना कर रहा है।
अमेरिकी बाजार से कोई ठोस संकेत नहीं, फेडरल रिजर्व का रुख सख्त
🔹 फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें 4.25-4.5% पर बरकरार रखीं।
🔹 महंगाई दर 2% लक्ष्य के आसपास स्थिर, कटौती पर कोई स्पष्ट बयान नहीं।
🔹 2025 के अंत तक मात्र 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की दर कटौती की उम्मीद।
इस अनिश्चितता के चलते डॉलर मजबूत बना हुआ है, जिससे विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी फिलहाल भारतीय बाजार में कम बनी हुई है।
कौन से सेक्टर चमके, कौन फिसले?
✅ तेजी वाले सेक्टर:
- बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं
- तेल एवं गैस सेक्टर
🚨 गिरावट वाले सेक्टर:
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
टॉप गेनर्स और लूजर्स
📊 निफ्टी 50 में बढ़त वाले स्टॉक्स:
- पावर ग्रिड (+3%)
- बजाज फाइनेंस (+3%)
- हिंदाल्को (+2.5%)
- ओएनजीसी (+2.3%)
- बजाज फिनसर्व (+2%)
📉 नुकसान में रहने वाले स्टॉक्स:
- टाटा मोटर्स (-7%)
- इंफोसिस (-0.5%)
- आईसीआईसीआई बैंक (-0.2%)
बजाज फाइनेंस के शेयरों में 3% की बढ़त देखने को मिली, क्योंकि कंपनी ने Q3 FY25 में 17% की बढ़त के साथ ₹4,247 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। वहीं, टाटा मोटर्स के शेयर 7% टूट गए, क्योंकि कंपनी के तिमाही नतीजे कमजोर रहे और ब्रोकरेज फर्मों की राय भी बंटी रही।
तकनीकी विश्लेषण: निफ्टी में 23,000 का मजबूत सपोर्ट
एंजल वन के रिसर्च हेड, समीथ चव्हाण ने कहा,
“हमारी पिछली मंदी की धारणा अब सतर्कता में बदल गई है। बजट से पहले गिरावट की संभावना सीमित लग रही है।”
📌 महत्वपूर्ण स्तर:
- 23,000 का स्तर मजबूत सपोर्ट रहेगा
- 22,800-22,900 के स्तर पर अगला बड़ा सपोर्ट
- 23,350-23,400 के स्तर पर कड़ी रेजिस्टेंस
निष्कर्ष: बजट के पहले बाजार में उत्साह, लेकिन सतर्कता बरकरार
📌 बजट 2025 से पहले बाजार में सकारात्मक रुझान दिख रहा है।
📌 विदेशी निवेशकों की बिकवाली चिंता का विषय बनी हुई है।
📌 तकनीकी विश्लेषण दर्शाता है कि निफ्टी के 23,000 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट है।
अब सभी की निगाहें 1 फरवरी को आने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर हैं, जो बाजार की दिशा तय करेगा! 🚀📈