राष्ट्रपति मुर्मू को ‘बेचारी’ कहने पर सोनिया गांधी पर बीजेपी का प्रहार

संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुई। इस दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने उनके संबोधन को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई।

सोनिया गांधी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं… वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी।”

बीजेपी का तीखा जवाब

इस टिप्पणी पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी पर हमला बोलते हुए कहा,

“पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति के लिए ‘बेचारी’ शब्द का इस्तेमाल बेहद अपमानजनक है। यह विपक्ष की उच्च संवैधानिक पद की गरिमा के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है। दुर्भाग्यवश, यह पहली बार नहीं हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा, “जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों को उजागर कर रही थीं, तब विपक्ष ने अपनी सामंती मानसिकता के चलते पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण का मजाक उड़ाने का काम किया, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है।”

किरण रिजिजू और अमित मालवीय ने भी साधा निशाना

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा,

“मैं सोनिया गांधी और विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों की निंदा करता हूं। हमारी राष्ट्रपति, जो एक आदिवासी महिला हैं, कमजोर नहीं हैं… द्रौपदी मुर्मू ने देश और समाज के लिए जो काम किया है, उसकी कल्पना भी ये लोग नहीं कर सकते… उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

“सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को ‘बेचारी’ कहना उच्च संवैधानिक पद का अपमान है और उनकी सामंती मानसिकता को दर्शाता है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का उपहास उड़ाया है।”


राष्ट्रपति मुर्मू का संसद में अभिभाषण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा,

“मेरी सरकार ‘सैचुरेशन अप्रोच’ के साथ काम कर रही है ताकि कोई भी ‘विकसित भारत’ की यात्रा में पीछे न छूटे… हमारा एक ही लक्ष्य है—’विकसित भारत’ बनाना।”

उन्होंने सरकार की आत्मनिर्भर भारत और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की पहल की सराहना की।

आर्थिक सर्वेक्षण और विकास कार्यों का जिक्र

राष्ट्रपति ने कहा,

“देश ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं… सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। ‘मेक इन इंडिया’ से आगे बढ़कर अब हम ‘विश्व के लिए निर्माण’ की ओर बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के पूरा होने और कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे कनेक्टिविटी की घोषणा की।

“भारत की मेट्रो रेल नेटवर्क अब 1000 किलोमीटर के मील के पत्थर को पार कर चुकी है। भारत के पास अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है।”


निष्कर्ष

सोनिया गांधी की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर इस तरह की भाषा के प्रयोग को सामंती मानसिकता करार देते हुए बीजेपी ने सोनिया गांधी से माफी की मांग की। इस बीच, राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर जोर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।

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