मोदी शासन में डॉलर के मुकाबले रुपया 62 से बढ़कर 85 तक पहुंच गया, सभी रिकॉर्ड टूट गए।

भारतीय रुपये की खबर |

करंसी बाजार में आज रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली। डॉलर का भाव पहली बार ₹85 की सीमा पार करते हुए नये इतिहास की रचना कर गया। रुपये में आज तेज गिरावट के साथ ₹85 का नया निम्नतम स्तर देखने को मिला, जिससे बाजार के खिलाड़ी और विशेषज्ञ स्तब्ध रह गए।

डॉलर का व्यापारिक भाव:
सुबह ₹84.96 पर खुले डॉलर ने ₹85.04 तक तेजी दिखाई और ऊंचे में ₹85.9 तक पहुंचा। आखिर में ₹85.08 पर बंद हुआ।

आरबीआई की सक्रियता:
रुपये की गिरावट को देखते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने फॉरवर्ड डॉलरों की सेल बढ़ाई। RBI द्वारा स्वैप डील्स में $3-4 बिलियन की स्वैप डील करने की खबरें सामने आईं।

डॉलर इंडेक्स और वैश्विक प्रभाव:
अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25% कटौती की घोषणा और 2025 में ब्याज दरों की गति धीमी होने के संकेत के चलते डॉलर इंडेक्स 108 के पार चला गया। इसका सीधा असर भारतीय रुपये पर देखने को मिला।

आयात और महंगाई का प्रभाव:
डॉलर की तेजी से भारत में आयातित वस्तुओं जैसे कच्चा तेल, सोना, चांदी और अन्य कृषि उत्पादों की कीमतें बढ़ने की संभावना है, जिससे महंगाई और बढ़ेगी।

2014 में मोदी के बयान और आज की स्थिति:
2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने रुपये की गिरती कीमतों को बड़ा मुद्दा बनाया था। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने भारतीय रुपये को ICU में पहुंचा दिया है। लेकिन अब, जब नरेंद्र मोदी खुद प्रधानमंत्री हैं, रुपये की गिरावट पर उनकी चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलरों के बढ़ते मूल्य से न केवल आयात महंगा होगा, बल्कि निर्यात को कुछ हद तक लाभ हो सकता है।

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