किंग्स गैम्बिट: 18 साल के डी. गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18वें वर्ल्ड चेस चैंपियन का खिताब जीता। वह सबसे कम उम्र के चैंपियन बने और ऐसा करने वाले पहले टीनएजर हैं। उन्होंने 22 साल की उम्र में गार्री कास्पारोव द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ दिया। गुकेश भारत के दूसरे वर्ल्ड चेस चैंपियन हैं, जो 2013 में चेन्नई में मैग्नस कार्लसन द्वारा विश्वनाथन आनंद से लिए गए ताज को वापस देश लेकर आए हैं।

सिंगापुर में खेले गए वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के 14वें और आखिरी गेम में डिंग लिरेन की गलती के बाद गुकेश ने जीत दर्ज की। यह गेम एक ड्रा की ओर बढ़ रहा था, लेकिन डिंग की एक बड़ी चूक ने गुकेश को खिताब दिला दिया। डिंग का ब्लंडर 55वें मूव पर हुआ, जहां उनका गलत मूव सीधा गेम हारने की ओर ले गया।
“मैं मानसिक रूप से टाईब्रेक्स के लिए तैयार था,” गुकेश ने कहा। लेकिन डिंग के आखिरी मूव ने उन्हें अतिरिक्त तैयारी की जरूरत नहीं होने दी।
डिंग ने खेल के बाद कहा, “गुकेश के चेहरे से ही मुझे पता चल गया कि मैंने बड़ी गलती कर दी है। यह पहले से ही एक मुश्किल गेम था। मुझे शायद और इंतजार करना चाहिए था।”

गुकेश ने जीत के बाद बोर्ड के प्रति अपना सम्मान दिखाते हुए झुका और डिंग के प्रति कृतज्ञता दिखाते हुए तालियां बजाईं।
डिंग की बड़ी गलती: उनका रूक f2 पर लाना और गुकेश के साथ रूक एक्सचेंज करना उनके लिए विनाशकारी साबित हुआ। उनका बिशप a8 पर फंसा रहा और गुकेश का बिशप व किंग उनकी स्थिति को और खराब करने के लिए तैयार थे।
गुकेश ने कहा, “चैंपियन होने का मतलब यह नहीं कि मैं दुनिया का सबसे अच्छा खिलाड़ी हूं। मैग्नस कार्लसन का उच्च स्तर मुझे और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।”

डिंग लिरेन के लिए यह हार मुश्किल थी, लेकिन उन्होंने कहा, “यह मेरा साल का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। मुझे कोई पछतावा नहीं।”
गुकेश की यह ऐतिहासिक जीत भारत के लिए गर्व का पल है, और यह उनकी कड़ी मेहनत और लगन का प्रमाण है।