कैसे एक साइकोलॉजी की स्टूडेंट होने ने प्रतीका रावल को इंटरनेशनल क्रिकेट में सफलता मिली

युवा भारतीय बल्लेबाज प्रतीका रावल ने हाल ही में यह साझा किया कि उनकी साइकोलॉजी की पढ़ाई ने उनके क्रिकेट करियर को कैसे आकार दिया। वेस्ट इंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में डेब्यू करने वाली रावल ने पहले मैच में 40 (69) रन बनाए और सीरीज में कुल 134 रन (औसत 44.66) बनाए।

  • प्रतीका रावल ने अपने डेब्यू मैच में 40 (69) रन बनाए
  • उन्होंने दूसरे वनडे में 76 (86) रन और 2/37 के आंकड़े दर्ज किए
  • उन्होंने तीन पारियों में 134 रन बनाकर सीरीज खत्म की

क्रिकेट में साइकोलॉजी की भूमिका
बीसीसीआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में प्रतीका ने बताया कि मानव मस्तिष्क को समझने की उनकी रुचि ने उन्हें क्रिकेट में बेहतर बनने में मदद की। उन्होंने कहा,
“मैं यह जानना चाहती थी कि हमारा मस्तिष्क कैसे काम करता है। जब मैंने इसकी पढ़ाई शुरू की तो मैं यह समझने के लिए बहुत उत्सुक थी कि हम मैदान पर और मैदान के बाहर मानसिक रूप से कैसे प्रक्रिया करते हैं। इसने मुझे क्रिकेट में काफी मदद की है।”

मैच से पहले सकारात्मक सोच
24 वर्षीय खिलाड़ी ने बताया कि मैच से पहले सकारात्मक आत्म-चर्चा (self-talk) उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है।
“जब मैं मैच से पहले मैदान पर होती हूं, तो बहुत सारी सकारात्मक बातें करती हूं। जैसे कि ‘तुम बेस्ट हो, तुम इसे कर सकती हो।’ यह आत्म-विश्वास और पुष्टि (affirmation) बहुत जरूरी है।”

आयरलैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चयनित
रावल ने अपनी शानदार शुरुआत के बाद आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में जगह बनाई है। यह सीरीज 10 जनवरी से शुरू हो रही है, और रावल अपने फॉर्म को बरकरार रखते हुए 2025 के वनडे वर्ल्ड कप टीम में ओपनिंग स्लॉट पक्की करने की उम्मीद कर रही हैं।

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