- आगामी बजट में कस्टम ड्यूटी दरों को सरल बनाने और उनकी संख्या घटाने की योजना
मुंबई: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाने के लिए राजी करने के उद्देश्य से भारत सरकार व्यापार एग्रीमेंट्स, अधिक सामानों के इम्पोर्ट और टैरिफ में कटौती जैसे कदम उठाने पर विचार कर रही है। आगामी बजट में कस्टम ड्यूटी की दरों को कम करने के साथ-साथ उन्हें व्यावहारिक बनाने की भी योजना है।
पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका के साथ भारत का 35.30 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष रहा था। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाए गए कठोर कदम इस अधिशेष को कम कर सकते हैं। इसे बनाए रखने के लिए भारत अमेरिका के कदमों के जवाब में अन्य कदम उठाने पर भी विचार कर रहा है।
पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका भारत का एक बड़ा व्यापार भागीदार रहा।
भारत अमेरिका से स्टील, व्हिस्की और कच्चे तेल (crude oil) के इम्पोर्ट में वृद्धि कर सकता है। साथ ही, कुछ उत्पादों पर टैरिफ में कमी करने की योजना भी बन रही है।
ट्रंप के साथ टकराव टालने की रणनीति
भारत ट्रंप के साथ किसी भी टकराव से बचने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 18,000 भारतीयों को वापस लेने की पेशकश की गई है।
अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको पर 25% और चीन पर 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने BRICS देशों के विशेष मुद्रा लॉन्च करने पर कड़ा रुख अपनाने की भी चेतावनी दी है।
कस्टम ड्यूटी में सुधार
1 फरवरी को पेश किए जाने वाले आगामी बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कस्टम ड्यूटी के स्तरों में कमी कर इसे सरल बनाएंगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है। फिलहाल विभिन्न आयातित वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी के 40 से अधिक स्तर हैं।
सरकार कस्टम ड्यूटी के स्तर को सरल बनाना चाहती है। हालांकि, विभिन्न देशों के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) की वजह से सरकार के पास ज्यादा छूट देने की गुंजाइश नहीं है।
FTA के तहत तय किए गए ड्यूटी के स्तरों में बदलाव संभव नहीं है। फिर भी, कस्टम ड्यूटी ढांचे की समीक्षा की जा रही है। कुछ मामलों में मामूली कटौती संभव है, लेकिन यह कटौती इम्पोर्ट की मात्रा पर निर्भर करेगी।