Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज में महाकुंभ में मंगलवार (28 जनवरी) मध्यरात्रि को भीड़ इतनी बढ़ गई कि भगदड़ मच गई। संगम किनारे भारी भीड़ के कारण मची अफरातफरी में 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। घायलों को कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 2 के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दुखद घटना और भीड़ की अनियंत्रित स्थिति के कारण, मौनी अमावस्या का शाही स्नान रद्द कर दिया गया है।

“मेरा दिल बहुत दुखी है”
इस स्थिति पर बोलते हुए पंचायती अखाड़े के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी श्री निरंजनी अचानक रो पड़े। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही कहा था कि कुंभ की सुरक्षा सेना को सौंपनी चाहिए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। कुंभ प्रशासन की बड़ी लापरवाही रही। जब इतनी बड़ी भीड़ हो तो उसे संभालने का काम पुलिस का नहीं होता। इसका नतीजा यह हुआ कि कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। यह बहुत दुखद खबर है, मेरा हृदय बहुत दुखी है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर कुंभ की सुरक्षा सेना के हवाले की गई होती, तो मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा हादसा होता। यह बहुत ही दुखद घटना है।”
कैसे मची भगदड़?
मिली जानकारी के अनुसार, एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “मध्यरात्रि में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम किनारे उमड़ पड़ी। इसी दौरान बैरिकेड्स का एक हिस्सा टूट गया और अफरातफरी मच गई। देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।”
उन्होंने आगे बताया, “भगदड़ के कारण कई लोगों का सामान नीचे गिर गया और जब लोग उसे उठाने के लिए झुके, तो भीड़ के नीचे कुचल गए। कई श्रद्धालु बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोई सुरक्षित जगह नहीं मिल पाई। सभी बिखर गए, कई घायल भी हो गए। स्थिति ऐसी थी कि किसी को समझ ही नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है।”