मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को प्रयागराज में होने वाली कैबिनेट बैठक के बाद संगम में मंत्रियों संग स्नान करेंगे। यह स्नान दोपहर डेढ़ से दो बजे के बीच निर्धारित है। हालांकि, इस बार सीएम अक्षयवट और हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए नहीं जाएंगे। इसके पीछे वजह वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं को होने वाली असुविधा बताई जा रही है।
प्रशासनिक तैयारियों में जुटा अमला
महाकुंभ में कैबिनेट बैठक और संगम स्नान को लेकर मेला प्रशासन और पुलिस विभाग अलर्ट मोड में हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के आगमन के मद्देनजर त्रिवेणी संगम और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मंत्रियों के ठहरने के लिए त्रिवेणी संकुल और सर्किट हाउस में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
2019 की बैठक ने खोले थे ऐतिहासिक द्वार
महाकुंभ-2019 में हुई कैबिनेट बैठक में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए थे। इसी बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिली थी। इसके अलावा, अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर को आम जनता के दर्शन के लिए खोलने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
वीवीआईपी मूवमेंट पर खास नजर
महाकुंभ के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वीवीआईपी के आगमन की संभावना है। मौनी अमावस्या (29 जनवरी) और बसंत पंचमी (3 फरवरी) जैसे स्नान पर्वों के लिए भी व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। करीब 1542 मुख्य आरक्षियों को इन आयोजनों के लिए तैनात किया गया है।
संगम स्नान और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव
महाकुंभ के इस आयोजन में सीएम योगी के मंत्रिमंडल के सदस्य संगम स्नान करेंगे, जो न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को भी उजागर करता है। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
महाकुंभ के इस अद्भुत आयोजन में श्रद्धालुओं के साथ-साथ मंत्रियों और वीवीआईपी के समर्पण को देखना दिलचस्प रहेगा।