पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को शुक्रवार को किन्नर अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया, यह निर्णय उनके महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्ति के कुछ ही दिनों बाद लिया गया। किन्नर अखाड़ा के संस्थापक अजय दास ने न केवल कुलकर्णी को हटाया, बल्कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी निष्कासित कर दिया, क्योंकि उन्होंने कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था।
किन्नर अखाड़े में उठा विवाद
ममता कुलकर्णी की महामंडलेश्वर पद पर नियुक्ति के बाद किन्नर अखाड़े में विवाद गहराने लगा था। कई सदस्यों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अखाड़ा प्रमुख अजय दास और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के बीच मतभेद चल रहा था, जिसके चलते त्रिपाठी को पद से हटाने की चेतावनी दी गई थी। इसके जवाब में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने विवादित बयान दिया कि अजय दास को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
न्यूज18 से बातचीत के दौरान, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि किन्नर अखाड़ा में सभी निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि शुक्रवार दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जहां “महत्वपूर्ण घोषणा” की जाएगी।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का बयान
त्रिपाठी ने यह भी दावा किया कि अजय दास को ही किन्नर अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “अजय दास परिवार और बच्चों के साथ रहते हैं, और ऐसे लोग किन्नर अखाड़े में शामिल नहीं हो सकते। अखाड़ा आज 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।”
अब सवाल उठ रहा है कि क्या किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर पद की समीक्षा होगी? क्या नए नेतृत्व की नियुक्ति होगी? रिपोर्ट्स के अनुसार, अखाड़े के भीतर गुटबाजी भी बढ़ रही है।
कौन हैं ममता कुलकर्णी?
ममता कुलकर्णी 90 के दशक की प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री रही हैं। उन्होंने करण अर्जुन (1995), बाज़ी (1995), और चाइना गेट (1998) जैसी फिल्मों में काम किया। अपने ग्लैमरस लुक और अभिनय से उन्होंने हिंदी सिनेमा में बड़ा नाम कमाया।
हालांकि, 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास ले लिया और सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली।
हाल ही में महाकुंभ 2024, प्रयागराज में, ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर का दर्जा दिया गया था। उन्हें आध्यात्मिक नाम “यमाई ममता नंदगिरी” दिया गया।
महमंडलेश्वर बनने के बाद कुलकर्णी ने कहा था, “मैंने 2000 में अपनी तपस्या शुरू की। मैंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना ‘पट्टगुरु’ चुना क्योंकि शुक्रवार का दिन महाकाली का दिन होता है। कल मेरी महामंडलेश्वर पद की तैयारी चल रही थी, लेकिन आज माँ शक्ति ने मुझे निर्देश दिया कि मैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को चुनूं, क्योंकि वे स्वयं ‘अर्धनारीश्वर’ के साक्षात रूप हैं।”
क्या है किन्नर अखाड़ा?
किन्नर अखाड़ा की स्थापना 2018 में ट्रांसजेंडर समुदाय के संतों द्वारा की गई थी। यह जूना अखाड़ा के अंतर्गत कार्य करता है।
अखाड़ा क्या होता है?
अखाड़ा हिंदू धर्म के संतों का एक संप्रदाय या धार्मिक मठ होता है। किन्नर अखाड़ा विशेष रूप से किन्नर (ट्रांसजेंडर) संन्यासियों का अखाड़ा है।
महामंडलेश्वर कौन होते हैं?
महामंडलेश्वर एक प्रमुख धार्मिक पदवी होती है, जो दशनामी संप्रदाय के वरिष्ठ संतों को दी जाती है। इसका अर्थ होता है “महान मठों का प्रमुख”।