मुंबई पुलिस ने गुरुवार को बताया कि नील कमल नाम की फेरी (ferry), जो बुधवार को गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक नेवी क्राफ्ट (Navy craft) से टकराने के बाद पलट गई, वह क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर चल रही थी। फेरी में 90 यात्रियों की क्षमता थी, लेकिन उसमें 100 से ज्यादा लोग सवार थे।
इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जिनमें नेवी कर्मी और दो ठेके पर काम करने वाले नौसैनिक कर्मचारी शामिल हैं। वहीं, 98 लोगों को बचा लिया गया। पुलिस के अनुसार, फेरी को महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड (Maharashtra Maritime Board) से 84 यात्रियों और 6 क्रू मेंबर्स को ले जाने की अनुमति थी, लेकिन टक्कर के समय इसमें 100 से अधिक लोग सवार थे।
पुलिस ने फेरी से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज जुटा लिए हैं और नेवी क्राफ्ट के ड्राइवर के खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। एफआईआर (FIR) में लापरवाही से मौत का कारण बनाना, दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालना, रैश नेविगेशन (rash navigation) और गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने जैसे आरोप शामिल हैं।
फेरी में सवार यात्रियों में दो जर्मन (German) नागरिक और एक कनाडाई (Canadian) शामिल थे, जिन्हें सुरक्षित बचा लिया गया। पुलिस ने नौ बचे हुए यात्रियों के बयान दर्ज कर लिए हैं और 13 शवों की पहचान पूरी कर ली गई है।
दुर्घटना में शामिल नेवी क्राफ्ट फिलहाल भारतीय नेवी की कस्टडी (custody) में है। पुलिस जरूरत पड़ने पर इसे जांच के लिए मांगेगी। वहीं, क्षतिग्रस्त फेरी को दक्षिण मुंबई के डॉकरयार्ड रोड के पास भाऊचा धक्का ले जाया गया है।
दो लापता यात्रियों की तलाश अभी भी जारी है। नेवी का एक हेलीकॉप्टर और कोस्ट गार्ड (Coast Guard) व नेवी की आठ नावें इस सर्च ऑपरेशन (search operation) में लगी हुई हैं।
लापता यात्रियों की पहचान 43 वर्षीय हंसराज भाटी और 7 वर्षीय जोहान मोहम्मद निसार अहमद पठान के रूप में हुई है।
दोनों जहाजों पर कुल 113 लोग सवार थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई और 98 को बचा लिया गया, जिनमें से दो घायल हैं। नेवी क्राफ्ट पर 6 लोग थे, जिनमें से 2 इस टक्कर के बाद बच गए।