अमेरिका में काम करने वाले ज्यादातर भारतीय टेक सेक्टर में काम करते हैं। टेक सेक्टर की नौकरियों के लिए H-1B वीज़ा आवश्यक है। H-1B वीज़ा के लिए कंपनी या नियोक्ता को I-129 फॉर्म भरना होगा और इसे ‘यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज’ (USCIS) में सबमिट करना होगा।
इसके माध्यम से कंपनी अनुरोध करती है कि विदेशी कामगारों को देश में आने दिया जाए। H-1B वीज़ा के लिए कंपनियों को अपने कर्मचारी की ओर से I-129 फॉर्म भरना होगा।
USCIS की नई जानकारी
USCIS ने हाल ही में H-1B और H-2 वीज़ा के लिए I-129 फॉर्म को अपडेट किया है। यह नया फॉर्म 17 जनवरी, 2025 से लागू होगा। पुराने फॉर्म के माध्यम से की गई एप्लिकेशन रद्द कर दी जाएंगी। USCIS ने कहा है कि अब से कंपनियों को नए फॉर्म के तहत आवेदन करना होगा। अमेरिका सरकार का कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य एप्लिकेशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है।
फॉर्म से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
USCIS के अनुसार, नया फॉर्म 17 जनवरी, 2025 को जारी किया जाएगा और यह 4 जनवरी, 2024 के फॉर्म की जगह लेगा।
- ग्रेस पीरियड नहीं होगा: यदि कोई व्यक्ति 17 जनवरी, 2025 से पहले 4 जनवरी, 2024 वाले फॉर्म के जरिए आवेदन करता है, तो उसकी एप्लिकेशन स्वीकार की जाएगी।
- 17 जनवरी के बाद केवल नए फॉर्म मान्य होंगे: पुराने फॉर्म के जरिए किए गए आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे।
H-1B वीज़ा की फाइलिंग प्रक्रिया
H-1B वीज़ा के लिए, अमेरिकी कंपनियों को अपने कर्मचारी की ओर से I-129 फॉर्म भरकर USCIS को सबमिट करना होगा।
इस प्रक्रिया में निम्नलिखित डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है:
- कर्मचारी की योग्यता प्रमाणपत्र
- जॉब ऑफर लेटर
- पिछले कंपनी का वर्क एक्सपीरियंस लेटर
- प्रोजेक्ट डिटेल्स
- सैलरी से संबंधित नियम
कंपनी को यह फॉर्म सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट्स के साथ भरना होगा और इसे फीस के साथ USCIS को भेजना होगा।
- कंपनियां ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं या USCIS सेंटर पर पोस्ट के माध्यम से भेज सकती हैं।
- यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सही फॉर्म का उपयोग हो।
USCIS आवेदन की जांच करेगा और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त जानकारी की मांग कर सकता है।
नोट: यह बदलाव H-1B वीज़ा प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए किया गया है।