मनोज बाजपेयी ने लिखा:
“श्याम बेनेगल केवल एक लेजेंड नहीं थे, बल्कि एक visionary थे, जिन्होंने कहानी कहने का तरीका redefine किया और पीढ़ियों को inspire किया।”
नई दिल्ली:
अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा कि श्याम बेनेगल जैसे visionary ने उनके लुक्स से परे उनकी प्रतिभा को पहचाना। मनोज ने 2001 की फिल्म जुबैदा में एक शाही किरदार निभाया, जिसे निभाने की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। यह सब बेनेगल के विश्वास और निर्देशन का नतीजा था।
बेनेगल, जिन्होंने मंडी और अंकुर जैसी फिल्मों से भारत में आर्ट हाउस सिनेमा को नई दिशा दी, सोमवार को मुंबई में 90 साल की उम्र में निधन हो गया।
मनोज बाजपेयी ने कहा:
“श्याम बेनेगल ने राम गोपाल वर्मा के जरिए मुझे मैसेज भिजवाया था। वर्मा ने मुझसे कहा, ‘श्याम बेनेगल आपसे काम करवाना चाहते हैं। आपको जो भी ऑफर मिले, उसे मना मत करना। यह हमारा सम्मान और आदर उनके प्रति होना चाहिए।’
मैंने फिल्म के लिए हां कह दिया, लेकिन जब मुझे पता चला कि मुझे करिश्मा कपूर के opposite फतेहपुर के राजकुमार विजयेंद्र सिंह का किरदार निभाना है, तो मैं हैरान रह गया।”
बेनेगल के vision ने ही मनोज को उनके लुक्स से परे जाकर इस रोल में कास्ट किया। उन्होंने मनोज को भारतीय राजाओं की तस्वीरें दिखाते हुए समझाया कि वे उनसे बेहतर दिखते हैं।
*जुबैदा ने मनोज के करियर में बड़ा बदलाव लाया। यह अनुभव उनके अभिनय को निखारने और लोगों की perception बदलने में अहम साबित हुआ।
मनोज बाजपेयी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) पर श्याम बेनेगल के साथ जुबैदा की शूटिंग से एक तस्वीर शेयर की और लिखा:
“भारतीय सिनेमा के लिए यह एक heartbreaking loss है। श्याम बेनेगल केवल एक लेजेंड नहीं थे, बल्कि एक visionary थे, जिन्होंने storytelling को redefine किया और generations को inspire किया।
उनके साथ जुबैदा पर काम करना मेरे लिए transformative experience था। उन्होंने मुझे nuanced performances और storytelling की गहराई को समझाया। मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा।
उनकी legacy उनकी कहानियों और छुए हुए जीवन में हमेशा जीवित रहेगी। Rest in Peace, Shyam Babu। ओम शांति।”
श्याम बेनेगल को उनके करियर में कई पुरस्कार मिले, जिनमें पद्म श्री, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के अवॉर्ड शामिल हैं। उन्होंने सात बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीते और 2018 में वी शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित हुए।