तिरुपति मंदिर भगदड़ : कैसे 1.2 लाख दर्शन टोकन ने छह निर्दोष लोगों की जान ले ली

तिरुपति मंदिर भगदड़ का कारण: बुधवार शाम को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में हुई एक भगदड़ ने छह लोगों की जान ले ली और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह घटना वैकुंठद्वार दर्शन के टोकन वितरण के दौरान हुई। अधिक भीड़ और खराब क्राउड मैनेजमेंट के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दुख व्यक्त किया और पूरी सहायता का आश्वासन दिया। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए टोकन वितरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार शाम एक दुखद घटना सामने आई, जब वैकुंठद्वार दर्शन टोकन वितरण के दौरान हुई भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए।

कैसे हुआ हादसा?

यह घटना रात 8 बजे तब हुई जब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों ने विभिन्न केंद्रों जैसे कि विष्णु निवासम, श्रीनिवासम, और पद्मावती पार्क में टोकन वितरण शुरू किया। स्थिति तब बिगड़ गई जब एक अस्वस्थ श्रद्धालु को बाहर निकालने के लिए गेट खोले गए और भीड़ अचानक बेकाबू हो गई।

सुबह से लाइन में इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे दो जगहों पर भगदड़ मच गई। कई महिलाएं, जो लाइन में थीं, चोटिल हो गईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

टीटीडी के अधिकारियों का बयान

टीटीडी ने 1.2 लाख टोकन का वितरण वैकुंठद्वार दर्शन के लिए 10 जनवरी (एकादशी) को किया था। टोकन वितरण के लिए नौ केंद्रों पर 94 काउंटर्स लगाए गए थे। लेकिन अचानक भीड़ बढ़ने से प्रक्रिया गड़बड़ा गई।

टीटीडी चेयरमैन बी.आर. नायडू ने इसे “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि घटना की विस्तृत रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी। उन्होंने कहा, “भीड़भाड़ के कारण यह हादसा हुआ है… मुख्यमंत्री कल इस पर पूरी जानकारी देंगे। अब तक छह लोग मारे गए हैं, जिनमें से कुछ तमिलनाडु और कुछ आंध्र प्रदेश से हैं।”

मुख्यमंत्री का बयान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि यह घटना “अत्यधिक भीड़ के कारण” हुई है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

भविष्य की कार्रवाई

टीटीडी बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच की जाएगी और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गुरुवार सुबह तिरुपति का दौरा करेंगे।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

एक श्रद्धालु ने कहा, “यह त्रासदी बेहतर क्राउड मैनेजमेंट से टाली जा सकती थी। कोविड के बाद टोकन वितरण का सिस्टम सही तरीके से लागू नहीं किया गया।”

क्या हुआ घायलों का हाल?

करीब 40 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। टीटीडी बोर्ड ने आश्वासन दिया है कि उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

यह घटना टीटीडी के इतिहास में पहली बार हुई है और प्रशासन ने इसे भविष्य में रोकने के लिए टोकन प्रक्रिया में सुधार की बात कही है।

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