नेशनल सेविंग स्कीम: आज से 37 साल पहले जमाकर्ताओं और उनकी आने वाली पीढ़ियों की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नेशनल सेविंग स्कीम (NSS) में निवेश करने वालों को सूचित किया गया है कि उन्हें अपनी पूरी जमा राशि 30 सितंबर 2024 के बाद निकाल लेनी चाहिए। अगर इस राशि को नहीं निकाला गया, तो उन पर मिलने वाला ब्याज बंद कर दिया जाएगा। NSS में निवेश करने वाले सभी जमाकर्ताओं को अपने KYC (Know Your Customer) दस्तावेज अपडेट करने की नोटिस दी गई है। हालांकि, यह योजना 2002 से बंद हो चुकी है।
पोस्ट ऑफिस जाकर KYC अपडेट करने के बाद जमाकर्ताओं को मौखिक रूप से बताया जा रहा है कि अगर वे अपनी जमा राशि 30 सितंबर के बाद नहीं निकालते हैं, तो उन्हें 30 सितंबर के बाद का ब्याज नहीं मिलेगा। 1987 में शुरू की गई योजना को 1992 में बंद कर दिया गया था। फिर 1992 में इसे नए सिरे से शुरू किया गया और 2002 में इसे फिर से बंद कर दिया गया, लेकिन इस पर ब्याज दिया जा रहा था। इसलिए कुछ जमाकर्ताओं ने अपनी जमा राशि निकालकर खातों को बंद कर दिया और उसी साल की आय में इसे दिखाकर टैक्स जमा कर दिया। हालांकि, कुछ जमाकर्ताओं ने अपनी जमा राशि वहीं पड़ी रहने दी और ये खाते आज भी चालू हैं।
नेशनल सेविंग स्कीम के तहत जमाकर्ताओं को हर साल लगभग 40,000 रुपये तक निवेश करने की अनुमति दी गई थी। इस निवेश की राशि को आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत करदाता की आय से घटाया जाता था। निवेश के बाद, करदाताओं को अपनी जमा राशि और उस पर मिले ब्याज को निकालने की अनुमति थी। इसमें चार साल की लॉक-इन अवधि थी। जब NSS शुरू किया गया था, तब इस पर 11% ब्याज मिलता था, लेकिन समय के साथ इसे घटाकर 7.5% कर दिया गया। 12 जुलाई 2024 से इस योजना में नियमों में बदलाव किया गया है।
नियम के अनुसार, NSS में किए गए निवेश की राशि जिस साल निकाली जाती है, उसी साल कर योग्य हो जाती है। यदि जमाकर्ता अपनी राशि नहीं निकालता है, तो उसके खाते में जमा होने वाले ब्याज पर कोई आयकर नहीं लगता है। अगर यह राशि उसके वारिस द्वारा निकाली जाती है, तो निकाली गई पूरी राशि टैक्स फ्री मानी जाती है। दूसरे शब्दों में, यदि निवेशक की मृत्यु के बाद उसके वारिस यह राशि निकालते हैं, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसी गणना के आधार पर कई खाताधारकों ने अपने खाते चालू रखे थे। 12 जुलाई 2024 से इस नियम में काफी बदलाव किए गए हैं।
इन बदलावों के अनुसार, NSS की 1987 की पहली योजना के तहत पहला खाता खोलने वालों को योजना की वर्तमान ब्याज दर से ब्याज मिलता रहेगा। इसके बाद के खातों में पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की 6% ब्याज दर के साथ 200 बेसिस पॉइंट अतिरिक्त दिया जाएगा। यह व्यवस्था जुलाई 2024 से 30 सितंबर 2024 तक लागू की गई थी।
तीसरे प्रकार के खाते या अन्य किसी अनियमित खाते पर ब्याज नहीं देने का निर्णय लिया गया है। ऐसे खातों पर केवल मूलधन ही वापस दिया जाएगा। 1 अक्टूबर 2024 से NSS के किसी भी खाते पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा, इसलिए इन खातों को चालू रखना बेकार हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से जमाकर्ता परेशान हैं।